वक्त के सामने सब मजबूर हें
कभी छाव तो कभी धूप हें
य़ेह सारे वक्त केही रूप हें
जो वक्त चले तो जीवन हें
जो वक्त रुके तो मौत हें
जो वक्त छुले तो ख़ुशी हें
जो वक्त रुठे तो आंसु हें
जो वक्त भागे तो किस्मत हें
जो वक्त बिछडे तो कयामत हें
जो वक्त जीते तो सच हें
जो वक्त हारे तो जूठ हें
जो वक्त खोजाये तो शिकायत हें
जो वक्त मिलजाये तो कोशिश हें
कही पास तो कही दूर हें
वक्त के सामने सब मजबूर हें