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- Hemvardhan's Blog
- Mumbai, Maharashtra, India
- Hi, Welcome to my blog, some of my mentations written in attempt to become a poet ;) Thanks for your visit !!
Saturday, December 16, 2023
Riding on a comet
Tuesday, November 14, 2023
आत्मंज्योती 2
1.
वो जन्मा युगपुरुष बनकर फिर से एक विधाता
मर्यादा जिनकी लव थी, चरित्र उनकी ज्वाला ।
दीपावली में जलते हुए दीपोकी जगमगती ये माला
बहार ये उजाला लाये, पर अंदर सब काला ।
आज भी जलते दीपो में उनका ही फेला प्रकाश,
लेकिन समझ ना आया हमको जीवन की लव का इतिहास ।
2.
सब का विष पीने वाली की स्तुति कर्ता एक महा-असुर,
जिनके तांडव से बचाते हैं बांसुरी के सुर।
अब ना तून्निर में वाण हैं और ना त्रिशूल की धार,
लेकिन फिर भी आज अमर हैं विष से भरे विचार।
मार्ग मुक्ति का आज भी खोजे मन ये रोज़ कहि,
लेकिन ये भी करना पाये हर ग़लत को सही ।
Sunday, July 16, 2023
आत्मंज्योती
क्षीतिज ने लेहेरे छुपाई हे
बंद आखों मे जितनी गहराई हे
खोजों मन के भितर ही सच्चाई हे
जीवन समाज की देन नहीं और ना धर्म का आधार
अपनी राह खुद चुनो कर चुनौतियों को स्विकार
अनुभव और आत्म ध्यान का बल करता जब उधार
पंखों को पाकर उडजाओ सीमाओं के पार
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