तेरे आईने में एक दोस्त रेहता हैं
जो रोज तुजसे येह पुछता हैं
क्यों तु सच से मिलता हैं ?
और फिर चुप सा रेहता हैं ?
तेरे आईने में एक दर्शक रेहता हैं
जो रोज तुजसे येह पुछता हैं
तस्वीर को देखकर क्या गायेगा ?
एक कोशिश धून की तलाश में भी करले ?
तेरे आईने में एक दीवाना रेहता हैं
जो रोज तुजसे येह पुछता हैं
सपनो की दुनिया कहा मिलती हैं ?
किस्मत भी कभी कुछ केहती हैं ?
तेरे आईने में एक दुश्मन रेहता हैं
जो रोज तुजसे येह पुछता हैं
यह कौनसा तुझमे खून हैं ?
तेरी आंखोंमें कैसा जूनून हैं ?
तेरे आईने में एक देशप्रेमी रेहता हैं
जो रोज तुजसे येह पुछता हैं
क्यूँ अलगसा लगरहा हैं मेरे साया ?
जब रौशनी उधर भी इतनी ही जलती हैं ?
तेरे आईने में एक देवता रेहता हैं
जो रोज तुजसे येह पुछता हैं
क्या जानता हैं तु वक्त को बदलना ?
या फिर उसके साथ चलना ?
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