.....जो देखा तुझे तो नींद उड़गई
उड़ती हुवी नींद को पकड़ते हुवे चेन खोगया
खोये हुवे चेन को धुन्दते हुवे आँखें थकगयी
आँखों की थकावट को मिटाते हुवे दिल प्यासा होगया
प्यासे दिल को सहलाते हुवे वक़्त गुज़ारा
गुजरे हुवे वक़्तसे लद्धते हुवे सपने जो बिखरे
बिखरे सपनो को समेटते हुवे रास्ते जो भूले
भूले हुवे रास्तें पे चले तो तुम दिख गए .....
No comments:
Post a Comment